बंगाल-MP में उम्मीदवार तय... यूपी में इंतजार, बसपा ने सिर्फ एक सांसद को दिया टिकट; देरी की ये है वजह

Date: 2024-03-23
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बहुजन समाज पार्टी ने मध्य प्रदेश के बाद पश्चिम बंगाल में भी अपने अधिकृत प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है। हालांकि उत्तर प्रदेश में अधिकृत सूची का इंतजार लंबा खिंचता जा रहा है। पिछले लोकसभा चुनाव में बसपा सुप्रीमो मायावती ने 22 मार्च को ही अपने प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी थी।

लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी के जोनल कोऑर्डिनेटर जिलों में प्रत्याशियों का एलान कर रहे हैं। बसपा सुप्रीमो से प्रत्याशियों की मुलाकात कराने का भी सिलसिला जारी है। पार्टी ने एकमात्र सांसद गिरीश चंद्र को टिकट दिया, वह भी नगीना के बजाय बुलंदशहर से। 

वहीं, शुक्रवार को मोहनलालगंज सीट से राजेश कुमार जाटव को टिकट दिया गया है। पार्टी सूत्रों के अनुसार अब तक करीब 24 सीटों पर प्रत्याशियों के नाम का एलान हो चुका है। सबसे ज्यादा टिकट मुस्लिम और ब्राह्मण प्रत्याशियों को दिए गए हैं।

इन सीटों पर मिली थी जीत : पिछले लोकसभा चुनाव में पहले चरण की तीन सीटों पर बसपा ने जीत हासिल की थी। सहारनपुर में हाजी फजलुर्रहमान, बिजनौर में मलूक नागर, नगीना में गिरीश चंद्र ने फतह हासिल की थी। इनमें केवल गिरीश चंद्र को टिकट दिया गया है। 

बाकी सात सांसदों में से पांच बगावत कर चुके हैं। बता दें कि गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी सपा, अंबेडकरनगर के सांसद रितेश पांडेय भाजपा, लालगंज की सांसद संगीता आजाद भाजपा, अमरोहा के सांसद दानिश अली कांग्रेस में जा चुके हैं। अफजाल, रितेश और दानिश अली मैदान में आ गए हैं।

पहला चरण : रामपुर को छोड़ बाकी पर प्रत्याशी घोषित
बसपा ने यूपी में आठ सीटों पर पहले चरण के चुनाव के लिए प्रत्याशियों के नामों पर मुहर लगाने की कवायद तेज कर दी है। पार्टी ने सहारनपुर से माजिद अली, मुजफ्फरनगर से दारा सिंह प्रजापति, बिजनौर से विजेंद्र सिंह, मुरादाबाद से इरफान सैनी, पीलीभीत से अनीस अहमद खां, कैराना से श्रीपाल राणा, नगीना से सुरेंद्र मैनवाल को प्रत्याशी बनाया है। वहीं रामपुर सीट पर अभी तक उम्मीदवार तय नहीं हो सका है। वैसे रामपुर में बसपा कभी लोकसभा चुनाव नहीं जीती। यही हाल मुरादाबाद सीट पर भी रहा।

बागियों पर भी नजर
पार्टी सूत्रों के अनुसार बची हुई सीटों पर प्रत्याशियों के चयन में अन्य दलों के बागियों को भी तवज्जो दी जा सकती है। दरअसल भाजपा ने अभी कई सीटों पर अपने प्रत्याशी घोषित नहीं किए हैं, जबकि कांग्रेस की भी कोई सूची जारी नहीं हुई है।

ऐसे में जिन नेताओं को उनके दल टिकट नहीं देंगे, उनको बसपा में आसानी से आसरा मिल सकता है। बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ने से उनका राजनीतिक अस्तित्व बचा रहेगा, साथ ही वह अन्य दलों के प्रत्याशियों के लिए मुश्किलें भी खड़ी कर सकते हैं।

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