स्ट्रेस के कारण मानसिक रोगों के अलावा इम्युनिटी-हार्ट की भी हो सकती है समस्या, आप भी तो नहीं हैं शिकार

Date: 2024-02-12
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तनाव होना शरीर की कुछ स्थितियों में होने वाली सामान्य प्रतिक्रिया है, पर अगर आपको अक्सर ही तनाव की समस्या बनी रहती है तो इसको लेकर सावधान हो जाने की आवश्यकता है। बार-बार होने वाली स्ट्रेस की दिक्कत मानसिक स्वास्थ्य विकारों का कारण बन सकती है, पर क्या आप जानते हैं कि ये समस्या मानसिक और शारीरिक दोनों प्रकार से समस्याकारक हो सकती है।

तनाव को अगर कंट्रोल करने के उपाय न किए जाएं तो इसके कारण अवसाद जैसी गंभीर बीमारियों का भी जोखिम बढ़ जाता है।

पर सावधान, तनाव सिर्फ मानसिक रोग ही नहीं शारीरिक बीमारियों के खतरे को भी बढ़ाने वाली हो सकती है। अगर आप भी अक्सर तनाव से परेशान शिकार रहते हैं तो ये समय के साथ शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता, ब्लड प्रेशर और हार्ट की भी दिक्कतों का कारण बन सकती है। यही कारण है कि तनाव को कंट्रोल में रखने के लिए सभी लोगों को निरंतर उपाय करते रहना चाहिए।

मानसिक स्वास्थ्य की समस्या
स्ट्रेस की स्थिति मानसिक रोगों के खतरे को बढ़ाने वाली मानी जाती है। यदि आप बहुत अधिक तनाव का अनुभव करते हैं तो इससे आपमें अवसाद जैसी मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के विकसित होने का खतरा अधिक हो सकता है। तनाव की समस्या उन विकारों को भी ट्रिगर करने वाली मानी जाती है जो मनोरोगों का कारक हैं। कई प्रकार की विपरीत परिस्थितियां तनाव का प्रमुख कारक हो सकती हैं।

आपको बना सकती है हृदय रोगों का शिकार
तनाव की स्थिति, शरीर में कोर्टिसोल हार्मोंन के स्तर को बढ़ाने वाली मानी जाती है। इस हार्मोन की अधिकता के कारण आपके श्वसन और हृदय प्रणाली पर भी असर देखा जा सकता है। तनाव प्रतिक्रिया के दौरान शरीर का रक्तचाप बढ़ने लग जाता है, जिसे हृदय रोगों का प्रमुख जोखिम कारक माना जाता है। यदि आपको पहले से ही अस्थमा जैसी सांस लेने की समस्या है, तो तनाव के कारण सांस लेना और भी कठिन हो सकता है।

स्ट्रेस हार्मोन आपकी रक्त वाहिकाओं को संकुचित कर देती है जिससे रक्तचाप बढ़ने का भी खतरा हो सकता है।

पाचन विकारों की भी हो सकती है दिक्कत
तनाव में आपको पाचन विकारों की भी समस्या हो सकती है। तनाव के शिकार लोगों को पेट में एसिड बढ़ने, हार्ट बर्न,  एसिड रिफ्लक्स होने का भी खतरा हो सकता है। इसके अलावा आपका लिवर, शरीर में ऊर्जा बढ़ाने के लिए अतिरिक्त मात्रा में रक्त शर्करा (ग्लूकोज) का उत्पादन करने लगता है। यदि आप लंबे समय से तनाव के शिकार हैं तो ग्लूकोज की अधिकता के कारण मधुमेह विकसित होने का खतरा भी बढ़ सकता है। 

इन शारीरिक समस्याओं पर भी ध्यान दें
तनाव की स्थिति बनी रहने के कारण कई प्रकार की गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा हो सकती है। 
  • हृदय रोगों का खतरा- तनाव की समस्या के कारण उच्च रक्तचाप, हृदय गति में असमानता विकसित होने का खतरा हो सकता है।
  • स्ट्रेस हार्मोंन की स्थिति मोटापा और खाने संबंधी अन्य विकारों का भी खतरा बढ़ा सकती है।
  • मासिक धर्म संबंधी समस्याएं।
  • त्वचा और बालों की समस्याएं जैसे मुंहासे, सोरायसिस और एक्जिमा और स्थायी रूप से बालों के झड़ने का खतरा।

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