निर्मोही अखाड़े में चल रहे श्रीमहन्त माखनचोर दास महाराज के अष्टदिवसीय जयन्ती महामहोत्सव के अंतर्गत संत-विद्युत सम्मेलन का आ सम्पन्न।आयोजन हु

Date: 2022-01-21
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वृन्दावन। गोविन्द घाट स्थित अखिल भारतीय निर्मोही अखाड़ा श्रीहित रासमण्डल पर चल रहे रसिक शिरोमणि संत प्रवर श्रीमहन्त माखनचोर दास महाराज के अष्टदिवसीय जयन्ती महामहोत्सव के अंतर्गत सन्त-विद्वत सम्मेलन का आयोजन सम्पन्न हुआ। जिसकी अध्यक्षता करते हुए चतुः सम्प्रदाय के श्रीमहन्त फूलडोल बिहारी दास महाराज ने कहा कि संत शिरोमणि माखनचोर दास महाराज श्रीधाम वृन्दावन की रसोपासना के प्रबल संपोषक थे। वह श्रीराधावल्लभ सम्प्रदाय की बहुमूल्य निधि थे, उन्होंने साहित्य सृजन के द्वारा राधावल्लभीय वांग्मय को अत्यधिक समृद्ध किया। 
श्रीमहन्त लाड़िली शरण महाराज व महन्त श्रीहित कमलदास महाराज ने कहा कि संत प्रवर माखनचोर दास महाराज सहजता, सरलता, उदारता व परोपकारिता की प्रतिमूर्ति थे। यदि हम लोग उनके किसी एक गुण को भी अपने जीवन में धारण कर लें तो हम सभी का कल्याण हो सकता है।

श्री हित हरिवंश चन्द्र महाप्रभु की जन्मभूमि के महन्त दम्पति शरण महाराज व सन्त रसिक माधव दास महाराज ने कहा कि श्रीमहन्त माखनचोर दास महाराज श्रीधाम वृन्दावन के प्राचीन व दिव्य स्वरूप के परिचायक थे, उन जैसी पुण्यात्माओं से ही पृथ्वी पर धर्म व अध्यत्म का अस्तित्व है। वरिष्ठ साहित्यकार व महोत्सव के समन्वयक डॉ. गोपाल चतुर्वेदी एवं अखिल भारत वर्षीय ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पंडित बिहारी लाल वशिष्ठ ने कहा कि संत प्रवर माखनचोर दास महाराज जैसी दिव्य विभूतियों से ही ब्रजभूमि शोभायमान है। उनके दर्शन मात्र से ही प्राणी मात्र का कल्याण हो जाता था। रसिक सन्त पुरूषोत्तम पुजारी महाराज व महामंडलेश्वर सच्चिदानंद शास्त्री महाराज ने कहा कि श्रीमहन्त माखनचोर दास महाराज परम् विरक्त व निस्पृह सन्त थे। लोक कल्याण करने वाली उन जैसी विभूतियों का सदैव ही स्मरण किया जाता है।https://youtu.be/1qmPNot9NJs

इस अवसर पर श्रीमद्भागवत के परम् विद्वान आचार्य नेत्रपाल शास्त्री महाराज, कुंजबिहारी मंदिर झांसी के महन्त राधामोहन दास महाराज, श्रीहित श्यामसुंदर महाराज, सिंहपौर हनुमान मंदिर के महन्त सुन्दरदास महाराज, युवा साहित्यकार डॉ. राधाकांत शर्मा, रासाचार्य स्वामी देवेन्द्र वशिष्ठ, भागवताचार्य रामप्रकाश भारद्वाज मधुर, डॉ. चंद्रप्रकाश शर्मा, आचार्य विष्णुमोहन नागार्च, डॉ. रमेशचंद्र विधिशास्त्री, श्री हित लालित वल्लभ नागार्च, प्रियावल्लभ वशिष्ठ, संगीताचार्य स्वामी देवकीनंदन शर्मा, आचार्य रामदेव चतुर्वेदी, महन्त सन्तदास महाराज, महन्त रमणरेती दास, सन्त सेवानंद ब्रह्मचारी, रामकथा मर्मज्ञ अशोक व्यास, आचार्य मारुतिनंदन वागीश, राजेन्द्र प्रसाद शर्मा (लालू), भागवताचार्य राकेश शास्त्री, डॉ. हरेकृष्ण शरद, रिफाइनरी क्षेत्र प्रेस क्लब के अध्यक्ष दिनेश सिंह तरकर, ईश्वरचन्द्र रावत आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किये। महंतों व विद्वानों का सम्मान किया गया। सन्त-ब्रजवासी-वैष्णव सेवा व भंडारा भी हुआ।

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