श्रीगिर्राज धरण सेवा समिति कोटा के तत्वावधान में गिरिराज जी की परिक्रमा के विनोद मुकुंद गार्डन में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के अंतिम दिन प्रवचन करते हुए व्यास सौरभ कृष्ण महाराज ने कहा कि मित्रता करो, तो भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा जैसी करो। सच्चा मित्र वही है जो कि अपने मित्र की परेशानी को समझे और बिना बताये ही मदद कर दे। परंतु आजकल स्वार्थ की मित्रता रह गई है। जब तक स्वार्थ सिद्ध नहीं होता है, तब तक मित्रता रहती है। जब स्वार्थ पूरा हो जाता है तो मित्रता खत्म हो जाती है। सुदामा अपनी पत्नी के कहने पर मित्र कृष्ण से मिलने द्वारिकापुरी जाते हैं। सुदामा को प्रहरियों की सूचना मिलने गेट पर आकर गले लगाया है। उन्होंने कहा कि ब्रज में भगवान श्रीकृष्ण ने पग-पग पर लीलाएं की हैं। साक्षात गिरिराज महाराज की तलहटी में गौचारण लीला की है।
गोवर्धन पर्वत को कन्नी उंगली पर धारण किया है। उसी दिन से गिरिराज जी के उत्सव का आयोजन किया गया जा रहा है। कोटा से आये भक्तों द्वारा आज 17 जनवरी सोमवार को प्रातः 10 बजे से गिरिराज जी का अभिषेक कर छप्पन भोग मनोरथ का आयोजन किया जाएगा। छप्पन भोग मनोरथ के लिए गिरिराज जी की तलहटी को सजाया गया है। सर्दी के चलते प्रभु गिरिराज जी के समक्ष तरह-तरह के पकवानों का भोग लगाया जाएगा। वहीं कथा महोत्सव में रघुनाथ दास गोस्वामी गद्दी के गद्दीनशीन महंत केशव दास महाराज ने व्यासपीठ का स्वागत किया। समिति के पदाधिकारियों ने संतों का सम्मान किया। इस अवसर पर नरेश राठौर, राम स्वरूप पारेता, पृथ्वीराज मालव आदि थे।