सर्दियों का मौसम आते ही लोगों की जुबान चटकारे लेने के लिए तैयार हो जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस मौसम में बाजार में तमाम सब्जियों के साथ-साथ साग भी मिलने लगता है। ऐसे में देसी खाने के लालच में हर घर में सरसों का साग और मक्के की रोटी तो बनती ही है। लोग इसे सफेद मक्खन, गुड़, मठ्ठा और अचार के साथ काफी चाव से खाना पसंद करते हैं।
वैसे तो साग खाना हर किसी को पसंद होता है, लेकिन बच्चे इसके नाम से ही मुंह बनाने लगते हैं। ऐसे में हम आपको कुछ टिप्स देने जा रहे हैं, ताकि आपके द्वारा बनाया गया साग न सिर्फ घर के बड़े बल्कि बच्चे भी चाव से खाएं। इन टिप्स को फॉलो करके यदि आप साग बनाएंगी तो बच्चे प्लेट तो चट कर ही जाएंगे, साथ ही में वो इसे दोबारा मांगने से खुद को रोक नहीं पाएंगे।
वैसे तो साग खाना हर किसी को पसंद होता है, लेकिन बच्चे इसके नाम से ही मुंह बनाने लगते हैं। ऐसे में हम आपको कुछ टिप्स देने जा रहे हैं, ताकि आपके द्वारा बनाया गया साग न सिर्फ घर के बड़े बल्कि बच्चे भी चाव से खाएं। इन टिप्स को फॉलो करके यदि आप साग बनाएंगी तो बच्चे प्लेट तो चट कर ही जाएंगे, साथ ही में वो इसे दोबारा मांगने से खुद को रोक नहीं पाएंगे।
अच्छे से साफ करें
कई बार जल्दबाजी में लोग साग को साफ नहीं करते हैं, जिस वजह से मिट्टी के कण उसमें रह जाते हैं और साग का स्वाद बिगड़ जाता है। ऐसे में साग को अच्छे से धोएं ताकि मिट्टी, धूल, और कीटनाशक पूरी तरह से निकल जाएं। इसे पानी में थोड़ी देर भिगोकर रखने के बाद धोना अधिक प्रभावी होता है।
कई बार जल्दबाजी में लोग साग को साफ नहीं करते हैं, जिस वजह से मिट्टी के कण उसमें रह जाते हैं और साग का स्वाद बिगड़ जाता है। ऐसे में साग को अच्छे से धोएं ताकि मिट्टी, धूल, और कीटनाशक पूरी तरह से निकल जाएं। इसे पानी में थोड़ी देर भिगोकर रखने के बाद धोना अधिक प्रभावी होता है।
बहुत बारीक न काटें
ज्यादातर लोगों को लगता है साग को मिक्सी में पीसने या फिर उसे महीन काटने से स्वाद कई गुना बढ़ जाता है। जबकि ऐसा नहीं है। महीन काटने की वजह से साग के पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं। ऐसे में साग को सही भागों में ही काटें।
ज्यादातर लोगों को लगता है साग को मिक्सी में पीसने या फिर उसे महीन काटने से स्वाद कई गुना बढ़ जाता है। जबकि ऐसा नहीं है। महीन काटने की वजह से साग के पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं। ऐसे में साग को सही भागों में ही काटें।
ज्यादातर देर तक न उबालें
साग को अधिक देर तक न उबालें, क्योंकि इससे इसके पोषक तत्व नष्ट हो सकते हैं। यदि उबालना जरूरी हो, तो इसे थोड़े समय के लिए धीमी आंच पर पकाएं। ध्यान रखें कि इस दौरान गैस हल्की ही होनी चाहिए।
साग को अधिक देर तक न उबालें, क्योंकि इससे इसके पोषक तत्व नष्ट हो सकते हैं। यदि उबालना जरूरी हो, तो इसे थोड़े समय के लिए धीमी आंच पर पकाएं। ध्यान रखें कि इस दौरान गैस हल्की ही होनी चाहिए।
ज्यादा मसाले न मिलाएं
साग में ज्यादा मसालों का इस्तेमाल नहीं किया जाता। इसे बनाने के लिए हल्के मसालों का उपयोग करें ताकि साग का प्राकृतिक स्वाद बना रहे। सरसों का तेल या घी साग के स्वाद को और बढ़ाता है।
साग में ज्यादा मसालों का इस्तेमाल नहीं किया जाता। इसे बनाने के लिए हल्के मसालों का उपयोग करें ताकि साग का प्राकृतिक स्वाद बना रहे। सरसों का तेल या घी साग के स्वाद को और बढ़ाता है।
ढक्कन लगाकर पकाएं
साग को ढककर पकाने से इसकी गर्मी बनी रहती है, जिससे जल्दी पक जाता है और पोषण भी बना रहता है। यदि आप इसे खुला पकाएंगे तो इसके पोषक तत्व को खत्म होंगे ही, साथ ही में इसे पकने में काफी समय लगेगा।
साग को ढककर पकाने से इसकी गर्मी बनी रहती है, जिससे जल्दी पक जाता है और पोषण भी बना रहता है। यदि आप इसे खुला पकाएंगे तो इसके पोषक तत्व को खत्म होंगे ही, साथ ही में इसे पकने में काफी समय लगेगा।
पानी कम रखें और साग ज्यादा
साग बनाते समय ज्यादातर लोग इसमें पानी की मात्रा बढ़ा देते हैं। उन्हें लगता है कि ऐसा करने से साग का स्वाद बढ़ जाता है। जबकि ऐसा नहीं है। ज्यादा पानी की वजह से साग का स्वाद काफी ज्यादा बिगड़ सकता है।
साग बनाते समय ज्यादातर लोग इसमें पानी की मात्रा बढ़ा देते हैं। उन्हें लगता है कि ऐसा करने से साग का स्वाद बढ़ जाता है। जबकि ऐसा नहीं है। ज्यादा पानी की वजह से साग का स्वाद काफी ज्यादा बिगड़ सकता है।