युवाओं में बढ़ती ये आदत सेहत के लिए बहुत हानिकारक

Date: 2024-05-11
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बलिष्ठ मांसपेशियों और बेहतर शारीरिक बनावट की इच्छा रखने वाले युवाओं के बीच बढ़ती प्रोटीन सप्लीमेंट्स की मांग को लेकर स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने गंभीर चिंता व्यक्त की है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने हाल ही में जारी आहार संबंधी दिशानिर्देशों में प्रोटीन सप्लीमेंट्स के कारण होने वाले दुष्प्रभावों को लेकर चेताया है। विशेषज्ञों ने कहा शरीर बनाने की चाहत में युवा प्रोटीन पाउडर के नाम पर जाने-अनजाने शरीर के लिए हानिकारक चीजों का सेवन कर रहे हैं। इसके कारण फिटनेस तो ठीक होता नहीं बल्कि डायबिटीज, हृदय रोग और मोटापे जैसी बीमारियों का जोखिम जरूर बढ़ जाता है। 

हालिया गाइडलाइंस में आईसीएमआर ने आहार संबंधी गड़बड़ी को देश में 56 फीसदी बीमारियों का प्रमुख कारण बताया था। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा तेजी से बढ़ते मोटापे और मधुमेह जैसी नॉन-कम्युनिकेबल डिजीज (एनसीडी) से बचाव के लिए आहार में सुधार की मदद से लाभ पाया जा सकता है। एनसीडी उन बीमारियों को कहा जाता है जिनके एक से दूसरे में संचार का खतरा नहीं होता है। इसी क्रम में विशेषज्ञों ने प्रोटीन सप्लीमेंट्स से भी दूरी बनाने की सलाह दी है।

पहले जान लीजिए क्या होते हैं प्रोटीन सप्लीमेंट्स?
कई अध्ययनों में इस बात को लेकर चिंता जताई जाती रही है कि देश के अधिकतर लोगों को शरीर के लिए आवश्यक प्रोटीन नहीं मिल पाता है। प्रोटीन मांसपेशियों, हड्डियों की मजबूती और शरीर के कई कार्यों के लिए आवश्यक है। जिम जाने वाले-व्यायाम करने वाले लोगों में प्रोटीन की जरूरत भी अधिक होती है। इन्हीं आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बाजार में प्रोटीन पाउडर बेचे जा रहे हैं जिनका दावा है कि इससे आप प्रोटीन की दैनिक जरूरतों की आसानी से पूर्ति कर सकते हैं।

फिर इन्हें क्यों माना जाता है नुकसानदायक?
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं बाजार में बिक रहे प्रोटीन पाउडर में अतिरिक्त शर्करा और कृत्रिम स्वाद के लिए रासायनिक फ्लेवर मिलाया जाता है। नतीजतन हर स्कूप के साथ हमारे शरीर में अधिक मात्रा में  शर्करा जा रही होती है। शुगर और कैलोरी की अधिकता को वजन बढ़ाने और कई प्रकार की क्रोनिक बीमारियों का कारण माना जाता है। 

वजन और ब्लड शुगर बढ़ने की स्थिति समय के साथ हृदय रोगों के खतरे को भी बढ़ाने वाली हो सकती है। यही कारण है कि आहार विशेषज्ञ प्रोटीन सप्लीमेंट्स की जगह प्राकृतिक स्रोतों से प्रोटीन प्राप्त करने की सलाह देते हैं।

पाचन-किडनी के लिए ये हानिकारक
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बताया कि प्रोटीन पाउडर के अधिक सेवन के कारण पाचन से संबंधित दुष्प्रभावों का खतरा बढ़ जाता है। कुछ लोगों को लैक्टोज को पचाने में समस्या होती है, जिससे उनमें पेट में सूजन, गैस, पेट में ऐंठन और दस्त जैसे लक्षण हो सकते हैं।

इतना ही नहीं उच्च-प्रोटीन आहार से आपके किडनी की आपके रक्त को फिल्टर करने की क्षमता पर भी नकारात्मक असर हो सकता है। शोधकर्ताओं ने बताया कि लंबे समय तक अधिक मात्रा में अगर आप हाई प्रोटीन वाली चीजों का सेवन करते हैं तो इससे किडनी से संबंधित समस्याओं के बढ़ने का भी खतरा हो सकता है।

क्या है आहार विशेषज्ञों की सलाह?
पुणे स्थित आहार विशेषज्ञ प्रियंका सिंह ने अपने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में बताया कि प्रोटीन पाउडर की जगह पर प्राकृतिक स्रोतों से प्रोटीन प्राप्त करना सुरक्षित होता है। शाकाहारी और मांसाहारी दोनों प्रकार के आहार में कई ऐसी चीजें हैं जिनसे आप दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति कर सकते है। वयस्कों के लिए शरीर के वजन के प्रति किलोग्राम 0.8 ग्राम प्रोटीन की जरूरत होती है। उदाहरण के लिए, जिस व्यक्ति का वजन 75 किलोग्राम है, उसे प्रतिदिन 60 ग्राम प्रोटीन का सेवन करना चाहिए। प्रोटीन के अधिक सेवन के कारण भी कई प्रकार के दुष्प्रभावों का जोखिम हो सकता है।

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