पाकिस्तान की राजनीति में फिर किंगमेकर बनी सेना, इमरान खान का क्या होगा? जानिए
Date: 2024-02-12
पाकिस्तान के आम चुनाव के नतीजे आ चुके हैं और जेल में होने और तमाम प्रतिबंधों के बावजूद इमरान खान की पार्टी पीटीआई सबसे ताकतवर होकर उभरी है। हालांकि पाकिस्तानी सेना का हाथ नवाज शरीफ के ऊपर माना जा रहा है। ऐसे में सबसे ज्यादा सीटें जीतने के बावजूद इमरान खान और उनकी पार्टी की भविष्य अधर में लटका हुआ है। नवाज शरीफ और बिलावल भुट्टो जरदारी की पार्टियों के बीच गठबंधन को लेकर बातचीत चल रही है। वहीं पीटीआई चुनाव में धांधली का आरोप लगाकर सड़कों पर विरोध प्रदर्शन कर रही है। चुनाव नतीजों से साफ है कि पाकिस्तान में एक बार फिर वहां की सेना किंगमेकर बनेगी और पर्दे के पीछे से सेना ही वहां सरकार चलाएगी।
इमरान खान को मिला लोगों का साथ इमरान खान इन दिनों जेल में बंद हैं और उनकी पार्टी के नेताओं के खिलाफ भी कार्रवाई हो रही है। चुनाव आयोग ने चुनाव से पहले पीटीआई का चुनाव चिन्ह बैट भी छीन लिया था, जिसके चलते पीटीआई के नेताओं ने बतौर निर्दलीय चुनाव लड़ा। हालांकि तमाम परेशानियों के बावजूद पाकिस्तान की जनता ने इमरान खान का साथ दिया है। इमरान खान की पार्टी नेता बतौर निर्दलीय सबसे ज्यादा 101 सीटों पर जीत दर्ज करने में कामयाब रहे हैं। वहीं नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएल-एन को 75 और बिलावल भुट्टो जरदारी की पार्टी पीपीपी को 54 सीटों पर जीत मिली है। पाकिस्तान में 265 असेंबली सीटों पर चुनाव हुआ था। ऐसे में बहुमत का आंकड़ा 133 है, लेकिन कोई भी पार्टी बहुमत का आकंड़ा नहीं छू पायी है। पाकिस्तान में आगे क्या हो सकता है चुनाव नतीजों के बाद नवाज शरीफ की पार्टी और बिलावल भुट्टो की पार्टी के बीच गठबंधन को लेकर बातचीत चल रही है, लेकिन अभी तक अंतिम फैसला नहीं हुआ है। हालांकि पाकिस्तान की राजनीति को समझने वाले मानते हैं कि पाकिस्तान की सेना इमरान खान और उनकी पार्टी को सत्ता में नहीं आने देना चाहती और यही वजह है कि नवाज शरीफ और बिलावल भुट्टो के बीच गठबंधन की सहमति जल्द ही बन जाएगी। अन्य पार्टियों के नेता भी इस गठबंधन में शामिल होकर सरकार बना सकते हैं, जिसका नेतृत्व नवाज शरीफ या फिर उनके भाई शहबाज शरीफ कर सकते हैं।
इमरान खान की पार्टी पीटीआई, फौज की खिलाफत के चलते सबसे बड़ी पार्टी बनकर भी सत्ता हासिल नहीं कर सकेगी। पीटीआई चुनाव में धांधली का आरोप लगा रही है और उसने सड़कों पर उतरने का एलान किया है, लेकिन बहुत ज्यादा इसका असर नहीं दिख रहा है और सेना के डर से छिटपुट लोग ही विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। संभव है कि फौज के दबाव में ये विरोध प्रदर्शन भी जल्द खत्म हो जाएंगे। इससे इमरान खान और उनकी पार्टी का भविष्य अधर में लटकता दिख रहा है।
पर्दे के पीछे से सेना ही चला सकती है सरकार गठबंधन सरकार को पर्दे के पीछे से पाकिस्तानी सेना ही चला सकती है। हालांकि पाकिस्तानी सेना के सत्ता पर काबिज होने की आशंका कम ही है क्योंकि पाकिस्तान में पीटीआई की अगुवाई में सेना के खिलाफ माहौल बना है और ऐसे में पाकिस्तानी सेना फिलहाल तो सीधे सत्ता पर काबिज होकर लोगों की नाराजगी को और भड़काने की कोशिश शायद ही करेगी। पाकिस्तान गंभीर आर्थिक संकट में फंसा हुआ है और चुनाव नतीजों से साफ है कि हाल-फिलहाल पाकिस्तान पर मंडरा रहे आर्थिक संकट के बादल छंटते नहीं दिखाई दे रहे हैं।
जब आप हमारी वेबसाइट पर जाते हैं तो हम कुकीज़ या किसी अन्य ट्रैकिंग तकनीकों का उपयोग कर सकते हैं, जिसमें साइट को अनुकूलित करने और आपके अनुभव को बेहतर बनाने में मदद क... Read more about cookies