मटिया महल सीट... BJP के साथ-साथ कांग्रेस भी रही खाली हाथ

Date: 2024-12-26
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मटिया महल विधानसभा क्षेत्र का राजनीतिक परिदृश्य बाकी क्षेत्रों से बिल्कुल अलग है, क्योंकि यहां न तो कांग्रेस और न ही भाजपा का दबदबा कायम हो सका। सात विधानसभा चुनावों में इस क्षेत्र से शोएब इकबाल का वर्चस्व रहा। उन्होंने छह बार अलग-अलग दलों के टिकट पर जीत दर्ज की। दिलचस्प बात यह है कि जब उन्होंने कांग्रेस का दामन थामा, तो उन्हें हार का सामना करना पड़ा। वर्ष 2015 में आप के उम्मीदवार आसीम अहमद खान ने शोएब को हराकर यह सीट अपने नाम की। इस बार शोएब ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया, लेकिन आप ने उनके परिवार पर भरोसा जताते हुए बेटे आले मोहम्मद इकबाल को टिकट दिया है। वहीं, आसीम को कांग्रेस ने मटिया महल से टिकट दिया है। भाजपा ने अब तक उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है, लेकिन पिछले प्रदर्शन को देखते हुए वह इस बार जीत की कोशिशों में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।

हिंदुओं की भी अच्छी खासी संख्या
मटिया महल की सामाजिक संरचना इसे राजनीतिक रूप से अनूठा बनाती है। यह क्षेत्र मुस्लिम बहुल है, लेकिन हिंदुओं की भी अच्छी खासी उपस्थिति है। क्षेत्र के मतदाता अक्सर व्यक्तिगत छवि और स्थानीय मुद्दों को प्राथमिकता देते हैं, जो यहां चुनाव परिणामों को काफी हद तक प्रभावित करता है। आगामी चुनाव में आप, कांग्रेस और भाजपा एक-दूसरे को कड़ी चुनौती देंगी। शोएब की गैरमौजूदगी में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्षेत्र के मतदाता किसे समर्थन देते हैं।

क्या कहती है जनता...
सीताराम बाजार, आर्य समाज गली, अजमेरी गेट आदि समेत कई इलाकों में विकास कार्य नहीं हुए हैं। इस कारण इन इलाकों के निवासी अनेक समस्याओं से परेशान हैं। इसके बावजूद इन इलाकों की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इससे साबित होता है कि इन इलाकों के निवासियों के प्रति जानबूझकर सौतेला व्यवहार अपनाया जा रहा है। - प्रमोद शास्त्री

इलाके में हमेशा पेयजल संकट बना रहता है। इलाके में पानी की आपूर्ति आने का कोई समय निश्चित नहीं है। इसके अलावा कुछ समय के लिए ही पानी आता है। लिहाजा, इलाके के निवासी पानी की एक-एक बूंद के लिए मोहताज रहते हैं। इसके बावजूद कुछ इलाकों में तो पेयजल के टैंकर भी नहीं भेजे जाते है। लोग जल बोर्ड के जलाशय से पानी भरकर लाते है। - उमाशंकर

इलाके में सफाई व्यवस्था का भी बुरा हाल है। गलियाें में नियमित तौर पर सफाई नहीं होती है। इस कारण गलियाें में जगह-जगह कूड़ा पड़ा रहता है और गलियों से गुजरना मुश्किल हो जाता है। यहां हमेशा बदबू का आलम रहता है। सड़कों पर मलबा पड़ा रहता है, जिससे सड़कें संकरी हो गई है। इस दिशा में कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। - विजय शर्मा

वर्ष जीते (पार्टी) हारे (पार्टी)
  • 1993 शोएब इकबाल (जनता दल) बेगम खुर्शीद (भाजपा)
  • 1998 शोएब इकबाल (जनता दल) अजीज अहमद (कांग्रेस)
  • 2003 शोएब इकबाल (जनता दल-एस) अजहर शगूफा (कांग्रेस)
  • 2008 शोएब इकबाल (एलजेपी) महमूद जिया (कांग्रेस)
  • 2013 शोएब इकबाल (जनता दल-यू) मिर्जा जावेद (कांग्रेस)
  • 2015 आसीम अहमद खान (आप) शोएब इकबाल (कांग्रेस)
  • 2020 शोएब इकबाल (आप) रविंद्र गुप्ता (भाजपा)

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