अमेरिका ने भारतीय मतदाताओं की सराहना की, कहा- दुनिया में इससे ज्यादा जीवंत लोकतंत्र नहीं

Date: 2024-05-18
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भारत में लोकसभा चुनाव के चार चरण संपन्न हो चुके हैं। पांचवें चरण का मतदान 20 मई को होगा। चुनाव एक जून को सातवें चरण के साथ संपन्न हो जाएगा। इसके नतीजे चार जून को आएंगे। इस बीच, अमेरिका ने मतदान के अधिकार का प्रयोग करने के लिए भारत के लोगों की सराहना की। व्हाइट हाउस ने शुक्रवार को कहा कि दुनिया में भारत से अधिक जीवंत लोकतंत्र नहीं हैं।

मतदान करने की क्षमता पर यह कहा
व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा संचार सलाहकार जॉन किर्बी एक संवाददाता सम्मेलन में भारत में चल रहे चुनावों पर एक सवाल का जवाब दे रहे थे। यहां उन्होंने कहा कि विश्व में भारत से अधिक जीवंत लोकतंत्र नहीं हैं। हम भारत के लोगों की मतदान करने की उनकी क्षमता और उनकी भविष्य की सरकार में आवाज उठाने के लिए सराहना करते हैं। निश्चित रूप से हम पूरी प्रक्रिया के सही ढंग से होने की कामना करते हैं।'

भारत में मतदाताओं की संख्या
कुल 96.8 करोड़ पंजीकृत मतदाता हैं। 
इनमें 47.1 करोड़ महिलाएं और 49.7 करोड़ पुरुष हैं।
इनमें 1.89 करोड़ लोग पहली बार मतदान देंगे। 
इसमें 88.4 लाख दिव्यांग, 82 लाख 85 साल से अधिक की उम्र के और 48 हजार ट्रांसजेंटर शामिल हैं।
85 साल से अधिक की उम्र के लोगों के लिए घर से वोट करने की सुविधा की गई है।

पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत-अमेरिका संबंध मजबूत हुए
एक अन्य सवाल के जवाब में किर्बी ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच संबंध प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मजबूत हुए हैं। खासतौर पर बाइडन प्रशासन के पिछले तीन वर्षों के दौरान रिश्तों में सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि भारत के साथ हमारे संबंध बेहद करीबी हैं और भी पास होते जा रहे हैं।

नई पहलों की शुरुआत की
उन्होंने कहा, 'आपने इसे राजकीय यात्रा (पिछली यात्रा) में देखा। हमने सभी प्रकार की नई पहलों की शुरुआत की। महत्वपूर्ण उभरती प्रौद्योगिकियों पर एक साथ काम कर रहे हैं। साथ ही इंडो पैसिफिक क्वाड की प्रासंगिकता को मजबूत कर रहे हैं, जिसका निश्चित रूप से भारत एक हिस्सा है। इतना ही नहीं, बल्कि दोनों देशों के लोगों के बीच आदान-प्रदान होता है और भारत के साथ हम सेना साझा करते हैं।' व्हाइट हाउस के अधिकारी ने कहा, 'यह एक बहुत ही सक्रिय साझेदारी है। हम प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व के लिए आभारी हैं।

भारत और जापान जेनोफोबिक देश?
जब उनसे पूछा गया कि क्या राष्ट्रपति जो बाइडन का मानना है कि भारत और जापान जेनोफोबिक देश हैं, तो उन्होंने नहीं जवाब दिया। किर्बी ने कहा कि राष्ट्रपति हाल ही में एक अलग और बड़ी बात रख रहे थे। उन्होंने कहा, 'मेरा मतलब है कि राष्ट्रपति अमेरिका में हमारे अपने लोकतंत्र और यह कितना समावेशी व भागीदारी वाला है, इस पर बात कर रहे थे।' 

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