बहराइच। एसओजी, सर्विलांस, फोरेंसिक और थाना पुलिस की संयुक्त टीम ने बीते दिनों कैसरगंज के कोनारी गांव में सरकारी शिक्षक की निर्मम तरीके से गला काटकर की गई हत्या के आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। छोटे भाई ने दो साथियों के साथ मिलकर शिक्षक की हत्या की थी। उनकी निशानदेही पर घटना में प्रयुक्त हथियार और अन्य सामान बरामद हुआ। एसपी ने पुलिस लाइन सभागार में शुक्रवार को पकड़े गए हत्यारोपियों का खुलासा किया। एसपी वृंदा शुक्ला ने बताया कि गत आठ जुलाई को कैसरगंज के कोनारी गांव निवासी शिक्षक श्याम सिंह की गला काटकर हत्या कर शव को नहर किनारे फेंक दिया गया था। आक्रोशित परिजनों ने हत्या का जल्द घटना का खुलासा करने के लिए हाइवे भी जाम किया था। मृतक के भाई की तहरीर पर पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर खुलासे के लिए पुलिस की कई टीमों को लगाया था। शुक्रवार को पुलिस ने हत्यारोपी भाई दिवाकर सिंह, हरदी थाना क्षत्र के वीरशाहपुर निवासी राजनारयण और रुपनारायण को थाना क्षेत्र के बढ़ौली पड़ाव से गिरफ्तार कर लिया।
पकड़े गए हत्यारोपियों में से मृतक के छोटे भाई दिवाकर सिंह ने पुलिस पूछताछ में बताया कि उसने 35 लाख रुपये मकान निर्माण और 20 लाख रुपये शेयर मार्केट में लगाए थे। जिसका हिसाब बड़ा भाई आए दिन मांगते रहते थे। इसी बात से नाराज होकर उसने चालक राजनारायन को तीन लाख और उसके चचेरे भाई रुपनारायन को दो लाख रुपये देकर भाई की हत्या के लिए राजी कर लिया था। इसके बाद आठ जुलाई को राजनारायन और रुपनारायन सोनारी गांव की ओर गए। गैस गोदाम के पहले आम के बाग के पास गाड़ी खड़ी कर पेड़ व झाड़ियों में हथियार छिपा दिए। तीनों लोग शिक्षक के आने का इंतजार करने लगे। जैसे ही श्याम सिंह पहुंचा पहले से मौजूद तीनों ने उनपर बांके से हमला कर दिया। दिवाकर ने मैट काटने वाले रेजर से बड़े भाई का गला काट दिया। जिससे उनकी मौके पर ही मृत्यु हो गई। इसके बाद शव को झाड़ियों में छिपाकर नहर में हाथ धोकर भाग गए। टीम को उनकी निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त आलाकत्ल, चापड़, मैट कटर, गमछा, टीशर्ट आदि बरामद हुआ। गिरफ्तार करने वाली टीम को एसपी ने 15 हजार रुपये इनाम स्वरूप दिया।
कानपुर फोरेंसिक टीम की भी ली गई मदद एसपी ने बताया कि हत्या के खुलासे के लिए परिजनों के साथ ही करणी सेना और अन्य संगठनों का भी दबाव था। जिसके चलते पुलिस टीमें काफी सक्रियता से खुलासे में लगी थी। कानपुर जिले से विशेष फोरेंसिक टीम बुलवाकर हत्यारोपी भाई के हाथ के साथ ही कई लोगों के सैंपल लेकर चेक करवाए गए थे। जिसमें शिक्षक का खून और उसके छोटे भाई के हाथ पर खून के अंश मैच कर गए। एक दिन पहले भी हत्या का किया था प्रयास हत्या से एक दिन पहले सात जुलाई को भी दिवाकर अपने बड़े भाई की हत्या करने के लिए अपने साथ ले गया था। लेकिन उस दिन रुपनारायन डर गया और भाग गया। जिसके चलते उस दिन घटना को अंजाम नहीं दे पाए थे।
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