अपना दल (कमेरावादी) का सफर एक बार फिर से उसी स्थान पर आकर अटकता दिख रहा है, जहां से पार्टी की शुरुआत हुई थी। सपा से रिश्ता टूटने के बाद अब अपना दल (क) के सामने फिर से वजूद बचाए रखने चुनौती है। चुनावी मौसम में ऐन मौके पर सपा के झटके से दल की नेता पल्लवी पटेल की विधायकी पर जहां तलवार लटकी है, वहीं सियासत की जंग में फिर से पहचान बनाने के लिए उन्हें अब किसी नए साथी को भी तलाशना होगा।
अपना दल 1995 में स्थापित हुआ। संस्थापक डॉ. सोनेलाल पटेल के निधन के बाद से विरासत की लड़ाई को लेकर पल्लवी पटेल और उनकी मां कृष्णा पटेल ने लंबा संघर्ष किया है। पहले तो परिवार में ही असली-नकली वारिस को लेकर लंबा संघर्ष किया, इसके बाद सियासी दल को लेकर बड़ी बहन पल्लवी पटेल और छोटी बहन अनुप्रिया पटेल के बीच करीब पांच वर्षों तक जंग चली । मामला कोर्ट तक भी पहुंचा।