गिरा रात का तापमान, हवाओं की वजह से खत्म होगी धुंध, आने वाले दिनों में पड़ सकता है घना कोहरा

Date: 2024-11-18
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उत्तर प्रदेश में रविवार को 15 से 18 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से पछुआ हवाएं चलीं। इसके असर से पारे में हल्की गिरावट देखने को मिली। साथ ही दिन में धूप की तपिश घटी, रात की हवा में सिहरन रही। रविवार को नजीबाबाद का न्यूनतम पारा 12 डिग्री नीचे तक लुढ़क गया। पश्चिमी यूपी में पछुआ चलने से धुंध और कोहरा कमजोर पड़ा। हालांकि पूर्वी यूपी और तराई बेल्ट अभी कोहरे की चादर ओढ़े हुए है। इन इलाकों में रात में ओस का असर भी रहा। आने वाले दिनों में कोहरे का असर और गहरा हो सकता है। कोहरा अभी मध्य यूपी में नहीं आया है। अगले सप्ताह से उसका प्रभाव वहां तक बढ़ सकता है।


आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह का कहना है कि यूपी में अगले दो से तीन दिनों में अधिकतम और न्यूनतम तापमान दोनों में दो डिग्री तक की गिरावट देखने को मिलेगी। इससे ठंड का असर और बढ़ेगा। रविवार को 32.8 डिग्री अधिकतम तापमान के साथ झांसी सर्वाधिक गर्म रहा। प्रयागराज और उरई दोनों में अधिकतम तापमान 32.2 डिग्री और वाराणसी में 31.4 डिग्री सेल्सियस तापमान रहा। न्यूनतम तापमान की बात करें तो नजीबाबाद में 12 डिग्री, चुर्क में 12.6 डिग्री और अयोध्या में 13 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया।

हर साल की तरह इस बार भी कोहरे में ट्रेनों को निरस्त किया जाएगा। उत्तर व पूर्वोत्तर रेलवे की 89 ट्रेनें इस बार निरस्त की जा सकती हैं। इनकी सूची तैयार हो रही है। इस पर मुख्यालय मुहर लगाएगा। ट्रेनें दिसंबर से निरस्त की जा सकती हैं। ट्रेनों के निरस्त होने से 1.25 लाख यत्रियों को परेशानी उठानी पड़ेगी।

कोहरे में ट्रेनों का संचालन गडबड़ा जाता है। दृश्यता कम होने की वजह से गति सुस्त हो जाती है। इससे वे देरी की शिकार भी होती हैं। ऐसे में रेलवे प्रशासन दिसंबर से फरवरी तक यानी तीन महीने के लिए प्रतिवर्ष कई ट्रेनों को निरस्त कर देता है। उत्तर व पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन की ओर से इस बार कोहरे में निरस्त होने वाली ट्रेनों की सूची लगभग तैयार हो गई है। इसमें कॉमर्शियल व ऑपरेटिंग के साथ इंजीनियरिंग विभाग के अफसरों ने माथापच्ची की है। सूत्र बताते हैं कि इस वर्ष निरस्त होने वाली ट्रेनों की संख्या 89 के आसपास होगी। पिछले साल 112 ट्रेनें निरस्त की गई थीं।

रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि लंबी दूरी की ट्रेनों को निरस्त किया जाएगा। इसमें लखनऊ के रास्ते दिल्ली, पंजाब, जम्मू, उत्तराखंड आदि राज्यों में जाने वाली ट्रेनों को निरस्त किया जाएगा। कोहरा उत्तर भारत में पड़ता है, इसलिए उत्तर भारत की ट्रेनों का संचालन सर्वाधिक बाधित होता है।

ये ट्रेनें हो सकती हैं निरस्त
गोरखपुर-आनंदविहार एक्सप्रेस, डबलडेकर एक्सप्रेस, आगरा फोर्ट, कानपुर-काठगोदाम गरीबरथ, शहीद एक्सप्रेस, जयनगर-अमृतसर, लखनऊ जंक्शन-पाटलिपुत्र एक्सप्रेस, गोरखपुर-आनंदविहार, त्रिवेणी एक्सप्रेस, जनता एक्सप्रेस, मऊ-आनंदविहार एक्सप्रेस, लखनऊ-छपरा एक्सप्रेस, छपरा-फर्रुखाबाद उत्सर्ग एक्सप्रेस, काशी विश्वनाथ एक्सप्रेस, कैफियात एक्सप्रेस, ग्वालियर-बरौनी एक्सप्रेस, न्यू जलपाईगुड़ी-नई दिल्ली एक्सप्रेस, अवध-असम एक्सप्रेस कोहरे में निरस्त की जा सकती हैं। इनके नाम सूची में शामिल हैं।

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