अगर आप भी इसे उम्र बढ़ने के साथ होने वाली बीमारी मानते आ रहे हैं तो आपको फिर से विचार करने की आवश्यकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, कम उम्र के लोग भी इसका शिकार हो रहे हैं। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी के लिए ये बीमारी खतरनाक है। इसलिए सभी डायबिटीज के बारे में जानना और इससे बचाव के लिए निरंतर प्रयास करते रहना जरूरी है।भारतीय आबादी में भी ये खतरा तेजी से बढ़ता जा रहा है। इसी को लेकर द लैंसेट में प्रकाशित एक अध्ययन में बताया गया है कि दुनियाभर में 828 मिलियन (82.8 करोड़) से अधिक वयस्कों को मधुमेह है। पिछले 30 वर्षों में मधुमेह रोगियों की संख्या दोगुनी होकर 800 मिलियन से अधिक हो गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने पहले अनुमान लगाया था कि लगभग 422 मिलियन लोगों को मधुमेह हो सकता है। इससे भी चिंताजनक बात ये है कि 30 और इससे अधिक आयु के आधे से अधिक लोग जो डायबिटीज के शिकार हैं, उन्हें उपचार नहीं मिल रहा है।वैश्विक स्तर पर बढ़ती इस गंभीर और क्रोनिक बीमारी के बारे में लोगों को जागरूक करने, इससे बचाव को लेकर लोगों को शिक्षित करने के उद्देश्य से हर साल 14 नवंबर को विश्व मधुमेह दिवस (World Diabetes Day) मनाया जाता है।
अनुमान से ज्यादा बढ़ गए रोगी
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इस बढ़ती गंभीर समस्या को लेकर सभी लोगों को लगातार सावधानी बरतते रहने की सलाह दी है। लैंसेट में प्रकाशित वैश्विक विश्लेषण में पाया गया कि वयस्कों में मधुमेह की दर 1990 से 2022 के बीच लगभग 7% से दोगुनी होकर अब लगभग 14% हो गई है। निम्न और मध्यम आय वाले देशों में डायबिटीज के मामलों में सबसे अधिक वृद्धि हुई है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के सहयोग से वैज्ञानिकों की एक टीम ने 18 वर्ष या उससे अधिक आयु के 140 मिलियन से अधिक लोगों के डेटा और विभिन्न देशों में किए गए 1,000 से अधिक अध्ययनों का विश्लेषण करके ये परिणाम प्राप्त किए हैं।
भारत में चीन-अमेरिका से ज्यादा मरीज
इस अध्ययन में विशेषज्ञों ने बढ़ती स्वास्थ्य असमानताओं पर भी प्रकाश डाला है। दुनियाभर में मधुमेह के आधे से अधिक मामले चार देशों रिपोर्ट किए गए हैं। साल 2022 में मधुमेह से पीड़ित लोगों में से एक चौथाई से अधिक (212 मिलियन यानी करीब 21.2 करोड़) भारत में थे। वहीं चीन में डायबिटीज के 14.8 करोड़, अमेरिका में 4.2 करोड़ और पाकिस्तान में 3.6 करोड़ मरीज थे। इंडोनेशिया और ब्राजील में क्रमशः 2.5 करोड़ और 2.2 करोड़ लोगों को मधुमेह का शिकार पाया गया है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
मद्रास डायबिटीज रिसर्च फाउंडेशन के अध्यक्ष और अध्ययन के लेखकों में से एक डॉ. रंजीत मोहन अंजना ने कहा, मधुमेह के बढ़ते मामलों और इसके घातक परिणामों को देखते हुए सभी लोगों को स्वस्थ आहार और व्यायाम के माध्यम से इसे नियंत्रित करने के लिए प्रयास करते रहना चाहिए।