भारतीय कोच के बयान पर अब ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज का पलटवार

Date: 2024-11-13
news-banner
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का आगाज होने में अभी कुछ दिन बाकी हैं, लेकिन गौतम गंभीर और रिकी पोंटिंग के बीच जुबानी जंग शुरू होती दिख रही है। भारत के मुख्य कोच ने आलोचना झेल रहे विराट कोहली पर पोंटिंग की टिप्पणियों को सही नहीं समझा और ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान को अपनी टीम के बारे में सोचने की सलाह दी थी। अब पोंटिंग ने भी टीम गंभीर द्वारा की गई टिप्पणियों पर अपनी प्रतिक्रिया साझा करते हुए भारत के मुख्य कोच को 'मुश्किल चरित्र' करार दिया।
उन्होंने 7न्यूज पर बयान देते हुए कहा, 'मैं गंभीर की प्रतिक्रिया पढ़कर हैरान था, लेकिन कोच गौतम गंभीर को जानकर... वह काफी मुश्किल चरित्र हैं, जिन्हें समझना मुश्किल है। इसलिए मुझे आश्चर्य नहीं है कि उन्होंने मेरे बारे में ऐसा कहा।' पोंटिंग ने यह भी स्पष्ट किया कि विराट पर उनकी टिप्पणी किसी भी तरह से अपमान या आलोचना के लिए नहीं थी। ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज को लगता है कि भारत का यह स्टार अपनी खोई हुई फॉर्म वापस हासिल करेगा और ऑस्ट्रेलिया में अच्छा प्रदर्शन करेगा।
उन्होंने कहा, 'यह किसी भी तरह से उन पर (कोहली) कटाक्ष नहीं था। मैंने इसके बाद कहा कि वह ऑस्ट्रेलिया में अच्छा खेल चुके हैं और वह यहां वापसी करने के लिए उत्सुक होंगे। अगर आप विराट से पूछेंगे तो मुझे यकीन है कि वह थोड़ा चिंतित जरूर होंगे कि वह पिछले कुछ वर्षों की तरह शतक नहीं बना पा रहे हैं। तो यह आश्चर्यजनक है कि इतनी छोटी बातों पर भी प्रतिक्रिया आती हैं, लेकिन मैं कहूंगा कि विराट एक क्लास खिलाड़ी हैं और उन्होंने पहले भी ऑस्ट्रेलिया में अच्छा खेला है।'
सोमवार को ऑस्ट्रेलियाई दौरे के लिए रवाना होने से पहले संवाददाता सम्मेलन के दौरान गंभीर ने पोंटिंग की टिप्पणियों पर कड़ा जवाब दिया था। उन्होंने कहा था, 'पोंटिंग का भारतीय क्रिकेट से क्या लेना-देना है? उन्हें ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के बारे में सोचना चाहिए। मुझे कोई चिंता नहीं है। वे (कोहली और रोहित) अविश्वसनीय रूप से मजबूत व्यक्ति हैं। उन्होंने भारतीय क्रिकेट के लिए काफी कुछ हासिल किया है और भविष्य में भी काफी कुछ हासिल करेंगे।'
इससे पहले पोंटिंग ने टेस्ट फॉर्म को लेकर कोहली के टीम में स्थान पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था, 'मैंने विराट के आंकड़े देख रहा था। उन्होंने पिछले पांच साल में सिर्फ दो टेस्ट शतक जड़े हैं। यह मुझे सही नहीं लगा और यह एक चिंता का विषय है। उनकी जगह अगर कोई और शीर्षक्रम का बल्लेबाज होता, जिसने पांच साल में दो टेस्ट शतक जड़े होते तो शायद वह टेस्ट टीम में नहीं होता।'

Leave Your Comments