काशी का म्यूचुअल फंड में निवेश 15 हजार करोड़ के पार

Date: 2024-10-23
news-banner
एफडी के मुकाबले बेहतर रिटर्न के कारण काशी के लोगों का म्यूचुअल फंड पर भरोसा बढ़ा है। काेरोना काल के बाद यहां का निवेश करीब चार गुना हो गया है। 
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, सितंबर 2024 तक म्यूचुअल फंड में वाराणसी का निवेश 15641 करोड़ रुपये पहुंच चुका है, जो अब तक का सर्वाधिक है। लखनऊ और कानपुर के बाद वाराणसी यूपी में तीसरे स्थान पर है, जबकि देश में 28वें स्थान पर है।

वाराणसी का निवेश जम्मू कश्मीर के कुल निवेश से ज्यादा: वाराणसी में म्यूचुअल फंड फोलियो (खातों) की संख्या करीब 4.50 लाख से अधिक है। खातों की संख्या लगातार बढ़ रही है। पिछले 6 महीने (अप्रैल 2024- सितम्बर-2024) में म्यूचुअल फंड में वाराणसी का एयूएम (एसेट अंडर मैनेजमेंट) 2,989 करोड़ रुपये है। 

वर्ष 2019-2020 में वाराणसी का म्यूचुअल फंड्स में कुल निवेश करीब 4200 करोड़ रुपये था, जो सितंबर 2024 तक बढ़कर 15641 करोड़ रुपये हो गया। यह निवेश जम्मू-कश्मीर के कुल निवेश 9970 करोड़ रुपये का करीब डेढ़ गुना है। उत्तराखंड जैसे राज्य का आधा (31655 करोड़ रुपये) है।

शैंपू माॅडल लाने की तैयारी
जौनपुर, बलिया, मिर्जापुर, गाजीपुर में भी बढ़ा आकर्षण: जौनपुर, बस्ती, बलिया, गाजीपुर, देवरिया, सीतापुर, गोंडा, उन्नाव, सुल्तानपुर, मिर्जापुर, शाहजहांपुर काे भी एम्फी के जोन-6 में शामिल किया गया है। इसका मतलब है कि इन जिलों में म्यूचुअल फंड में निवेश करने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। एम्फी के मुताबिक, ऑनलाइन प्रक्रिया ने निवेश काे आसान बना दिया है। साथ ही, रिटर्न भी एफडी व अन्य माध्यमों में निवेश के मुकाबले बेहतर है। 

म्यूचुअल फंड्स का बाजार तेजी से बढ़ने का प्रमुख कारण एसआईपी (सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) है। न्यूनतम 500 रुपये की राशि से निवेश की शुरुआत की जा सकती है। जनसंख्या के लिहाज से उत्तर प्रदेश बड़ा राज्य है। इसलिए संभावनाएं ज्यादा हैं। लिहाजा, सेबी न्यूनतम 250 रुपये से एसआईपी शुरू करने पर विचार कर रहा है। इसके लिए शैंपू माॅडल लाने की तैयारी है। 

Leave Your Comments