कोरोना काल में शूटिंग की उम्र निकलने के बाद निशानेबाज रोहित अब दिल्ली-एनसीआर के ग्रामीण क्षेत्रों से मनु भाकर सरीखे खिलाड़ी तैयार कर रहे हैं। उनकी कोशिश युवाओं के अंदर छिपी प्रतिभा को निखार कर ओलंपिक स्तर का निशानेबाज तैयार करने की है। इस वक्त 12 राष्ट्रीय खिलाड़ी इनसे कोचिंग ले रहे हैं। दिलचस्प यह कि रोहित की टीम में सामान्य शूटर के साथ-साथ पैरा शूटर (दिव्यांग) खिलाड़ी भी हैं। उनकी एक पैरा खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक पर निशाना भी लगा चुकी हैं।
राष्ट्रीय खिलाड़ी बनने के बाद कोच बने रोहित बताते हैं कि जब वह दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ाई कर रहे थे, तब उन्होंने शूटिंग का प्रशिक्षण लेना शुरू किया। इसके बाद उनका एनसीसी की टीम में 50 मीटर शूटिंग स्पर्धा में चयन हुआ। लेकिन, कोरोना काल में खेल गतिविधियां बंद होने से उनकी उम्र निकल गई। इससे वह आगे का सफर पूरा नहीं कर सके। इसके बाद उन्होंने कोच बनने की राह चुनी। वह पंजाबी बाग क्लब में शूटिंग का प्रशिक्षण दे रहे हैं। इसी बीच चेहरे पर हल्की सी मुस्कान लिए वह बताते हैं कि उनका सपना देश के लिए पदक लाना है।