लखनऊ देश का पहला ऐसा शहर बनने जा रहा है, जहां एंटी थेफ्ट एलईडी स्ट्रीट लाइटें लगाई जाएंगी। इन्हें चुराना आसान नहीं होगा। इन स्ट्रीट लाइटों को खंभे से हटाते ही तेज आवाज में सायरन बज उठेगा। शहर में ऐसी 10 हजार स्ट्रीट लाइटें लगाई जाएंगी। इस पर करीब पांच करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। पहले चरण में पांच हजार लाइटें लगेंगी। इसका टेंडर भी हो गया है।
राजधानी में दो लाख से अधिक स्ट्रीट लाइटें लगाई गई थीं। बीते चार सालों में इनमें से पांच हजार अधिक चोरी हो चुकी हैं। वृंदावन कॉलोनी में ही एक साल पहले 900 लाइटें चोरी हो गई थीं। चोर तार भी ले गए थे। इससे नगर निगम को करीब 45 लाख रुपये की चपत लगी थी। वहीं, जुलाई में फैजुल्लागंज में 45 लाइटों के गायब होने का मामला सामने आया था। इससे पहले जानकीपुरम, अलीगंज, मौलवीगंज, आलमबाग एलडीए कॉलोनी, आशियाना सहित कई कॉलोनियों में स्ट्रीट लाइटें चोरी हो चुकी हैं। अब एंटी थेफ्ट स्ट्रीट लाइटों से इन घटनाओं पर लगाम लगेगी।
कंट्रोल पैनल से जोड़ा जाएगा सायरन
नगर निगम के मार्ग प्रकाश विभाग के मुख्य अभियंता मनोज प्रभात ने बताया कि एंटी थेफ्ट एलईडी स्ट्रीट लाइटों में सायरन लगा होगा। जैसे ही कोई इन्हें खंभे से अलग करेगा, सायरन बजने लगेगा। सायरन को कंट्रोल पैनल के जरिये जोड़ा जाएगा। इसके लिए खंभे में छोटा बॉक्स भी लगाया जाएगा। इन लाइटों को लगाने के लिए अतिरिक्त पैसा नहीं खर्च करना पड़ेगा। जो रेट तय हैं, उन पर कुछ कंपनियां लाइटें बनाकर देने के लिए तैयार हैं। एंटी थेफ्ट लाइटें सबसे पहले उन इलाकों की गलियों में लगाई जाएंगी, जहां स्ट्रीट लाइटें चोरी होने की घटनाएं ज्यादा होती हैं।
दूर होगा विवाद और पैसा भी बचेगा
करीब छह साल से शहर में स्ट्रीट लाइटों के रखरखाव का काम निजी कंपनी ईईएसएल कर रही है। अनुबंध के तहत वह सिर्फ खराब लाइटों को ही बदलती है। चोरी होने वाली लाइटों की जगह नई लाइटें नहीं लगाती, जिससे विवाद होता है। निगम प्रशासन अपने पैसे से इन्हें लगवाता है। अब विवाद और पैसा दोनों बचेगा।
सितंबर से लाइटें लगाने का काम शुरू
नगर निगम के मुख्य अभियंता मार्ग प्रकाश विभाग मनोज प्रभात का कहना है कि एंटी थेफ्ट लाइटों के टेंडर की प्रक्रिया इस महीने पूरी हो जाएगी। सितंबर से लाइटों को लगाने का काम भी शुरू हो जाएगा।