बीटेक-BDS की डिग्री वाले प्राइमरी स्कूल में टीचर, 100 इंजीनियरिंग-डॉक्टरी वाले; 150 PHD डिग्रीधारी भी

Date: 2024-08-09
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सेवापुरी ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय हाथी प्रथम के सहायक अध्यापक विनय कुमार वर्मा के पास बीबीडी लखनऊ की कंप्यूटर साइंस में बीटेक की डिग्री है। कॉलेज से निकले तो 60 हजार महीने की नौकरी मिल गई, लेकिन नौकरी के लिए बंगलूरू जाना था। इकलौते बेटे का दूर जाना घर वालों को मंजूर नहीं था। लिहाजा बीटीसी कर 2016 में बेसिक स्कूल में शिक्षक बन गए।

केस - 2
बरकी कंपोजिट विद्यालय के सहायक अध्यापक संजय ने यूनाइटेड इंजीनियरिंग कॉलेज प्रयागराज से इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्यूनिकेशन में बीटेक किया। कुछ दिन विभिन्न टेलीकॉम कंपनियों में नौकरी की। लेकिन नौकरी के सिलसिले में कभी राजस्थान, दिल्ली तो कभी जम्मू भेज दिया जाता था। इससे तंग आकर बीटीसी कर 2012 में प्राइमरी शिक्षक बन गए।

ये केस तो बानगी भर हैं। कोई कंप्यूटर साइंस में बीटेक पास है तो कोई इलेक्टि्रकल में। किसी के पास डेंटल सर्जरी में बैचलर डिग्री है तो किसी ने एमकॉम। पीएचडी डिग्रीधारियों की फेहरिस्त तो काफी लंबी है। इंजीनियरिंग, मेडिकल की ऊंची डिग्रियां हासिल कर सैकड़ों युवा प्राइमरी स्कूल में पढ़ा रहे हैं। 


योग्यता के अनुसार रोजगार न होने को छिपी बेरोजगारी की श्रेणी में रखा जाता है। बनारस में ऐसे युवाओं की कमी नहीं है। ऊंची पढ़ाई करने के बाद भी मनमाफिक नौकरी न मिलने के कारण बड़ी संख्या में पढ़े-लिखे लोग बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूलों में सेवा दे रहे हैं। 

योग्यता असिस्टेंट प्रोफेसर की लेकिन...
जिले के बेसिक स्कूलों में लगभग 100 इंजीनियरिंग, मेडिकल और बैंकिंग सेक्टर के डिग्रीधारी सहायक अध्यापक के रूप में सेवा दे रहे हैं। इसके अलावा 150 से अधिक पीएचडी डिग्रीधारी हैं।

अमिनी सेवापुरी में सहायक अध्यापिका मलविका राय बीडीएस (बैचलर इन डेंटल सर्जरी) हैं। उनके पति एमएस हैं। उनका अपना अस्पताल है। दूसरे शहर में न जाना पड़े, इसलिए मलविका बेसिक शिक्षिका बनीं। 

स्कूल से आने के बाद वह घर पर मरीज भी देखती हैं और कुछ अस्पतालों से अटैच रहकर वह ऑन कॉल भी मरीज देखने चली जाती हैं। इसी तरह उच्च प्राथमिक विद्यालय फूलपुर के शिक्षक डॉ. कुंवर पंकज सिंह और दनियालपुर के डॉ. विनय सिंह पीएचडी करने के बाद प्राइमरी स्कूल में शिक्षक बने। 

हरहुआं के भवानीपुर प्राथमिक विद्यालय के अध्यापक डॉ. अजीत सिंह, काशी विद्यापीठ ब्लॉक के भुल्लनपुर प्राथमिक विद्यालय की शिक्षक डॉ. रमा रुफइयार, पिलखिनी प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक डॉ. अखिलेश यादव, हरहुआं के पिसौर प्राथमिक विद्यालय के अध्यापक डॉ. गौरव सिंह समेत बेसिक स्कूलों के बड़ी संख्या में पीएचडी डिग्रीधारी बेसिक शिक्षक हैं। जबकि उनकी योग्यता असिस्टेंट प्रोफेसर की थी।

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