सिनेमाप्रेमी जानते ही हैं कि अभिनेता और सांसद रवि किशन हिंदी के अलावा भोजपुरी फिल्मों में भी काम करने के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने पिछली बार 'लापता लेडीज' फिल्म में पुलिसकर्मी का किरदार निभाकर सुर्खियां बटोरी थी और अब वो भोजपुरी को लेकर चर्चा में बने हुए हैं। दरअसल, रवि किशन ने संसद में भोजपुरी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए एक निजी सदस्य विधेयक पेश किया है।
सनकी दरोगा', 'लहरिया लुटाए राजाजी', 'कट्टा तनल दुपट्टा पर', 'रंगबाज दरोगा' और 'पियवा बड़ा सतावेल' समेत कई भोजपुरी फिल्मों में अभिनय कर चुके रवि किशन ने हिंदुस्तान टाइम्स से एक बातचीत में कहा कि उनकी मातृभाषा भोजपुरी को देश भर में 25 करोड़ लोग बोलते-समझते हैं और इसकी पहचान केवल उस तरह के ही गानों तक सीमित नहीं है, जिन्हें हम सुनते आ रहे हैं।
रवि किशन ने आगे कहा कि भोजपुरी का अपना साहित्य है। लोगों को लगता है कि केवल 'लॉलीपॉप लागेलु' जैसे गाने ही भोजपुरी हैं। उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि भोजपुरी मॉरीशस में दूसरी सबसे सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है। विधेयक पेश करने की मंशा बताते हुए रवि ने कहा कि मेरा इरादा था कि भोजपुरी को आगे लाया जाए। लोग मुझे याद करते हुए कहते हैं कि 'अच्छा! रवि किशन भोजपुरी वाला'। उन्होंने कहा कि भोजपुरी कई लोगों को पसंद हैं और इसमें एक मिठास है।
रवि किशन ने अपनी बातचीत में भारत के पहले राष्ट्रपति रहे दिवंगत राजेंद्र प्रसाद का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि पहली भोजपुरी फिल्म 'गंगा मैया तोहरी पियरी चढ़इबो' से राजेंद्र जी का नाता था। बता दें कि राजेंद्र प्रसाद के कहने पर ही बिश्वनाथ प्रसाद शाहाबादी और जय नारायण लाल ने इस फिल्म का निर्माण किया था। रवि ने कहा कि इस विधेयक को लाने के लिए लोग उन्हें बधाई दे रहे हैं।