गर्मियां विदा होने को हैं और बारिश बरसने को तैयार है। इस तरह दो मौसमों के मिलने से बहुत सारी मुश्किलें भी उभरती हैं। ये मुश्किलें सामान्य स्तर के अलावा स्वास्थ्य के स्तर पर भी उभरती हैं। त्वचा सम्बन्धी समस्याएं भी इनमें शामिल है। दाद, खाज, खुजली, रैशेज़ जैसी कई समस्याएं इस मौसम में सामने आ सकती हैं। कई बार त्वचा सम्बन्धी समस्याएं सिर्फ मौसम के बदलने पर शरीर के तापमान के बदलने, हवा में नमी के बढ़ने, ज्यादा पसीना आने, हाइजीन का ध्यान न रखने, किसी प्रकार की एलर्जी के सम्पर्क में आने, किसी रसायन के सम्पर्क में आने आदि से हो सकती हैं। ऐसे में कुछ तरीके अपनाना फायदेमंद हो सकता है। खासकर समस्या की शुरुआत में।
नियंत्रण में हो सकते हैं सहायक:
साबुन या केमिकल का प्रयोग
त्वचा रोग की शुरुआत अक्सर खुजली, जलन आदि लक्षणों से होती है। इसकी शुरुआत होते ही सबसे पहले साबुन, परफ्यूम, डियोडरेंट, बॉडी वॉश जैसे हर केमिकल युक्त साधन का प्रयोग एकदम बंद कर दें। केमिकल एलर्जी या संक्रमण को ट्रिगर कर सकते हैं।
धातुओं, ज्वेलरी आदि का प्रयोग बंद कर दें
ऐसा कई बार होता है कि गले मे पहनी चेन, हार या हाथों में पहनी चूड़ियां आदि पसीने और धातु के साथ मिलकर त्वचा सम्बन्धी समस्याओं का कारण बन जाती हैं। खासकर आर्टिफिशियल ज्वेलरी के कारण ऐसा हो सकता है। इसलिए त्वचा पर थोड़ी भी समस्या होते ही इन्हें उतार दें।
सही परिधान का उपयोग
कॉटन के ऐसे वस्त्र जो पसीने को सोखें और हवा को त्वचा तक पहुंचने दें, उनका ही उपयोग करें। सिंथेटिक कपड़े या जरी,लेस वाले कपड़े त्वचा पर रगड़ पैदा करके या पसीने को जमा करके मुश्किल बढ़ा सकते हैं। इसलिए इन कपड़ों से बचें। साथ ही ढीले कपड़े पहनें।
अपने कपड़ों और सामान को अलग रखें
जब तक आप त्वचा रोग का इलाज ले रहे हैं तब तक अपने द्वारा प्रयोग में लाई गई हर चीज को अलग रखें और टॉवल-नैपकिन, अंडर गारमेंट्स जैसी चीजों को सबसे अलग धोएं। विशेषकर यदि आपके घर में छोटे बच्चे या बुजुर्ग हैं तो कोशिश करें कि जितना हो सके उनके सीधे संपर्क में आने से बचें। संक्रमण के दौरान बाकी लोगों के सीधे संपर्क में आने या स्वस्थ लोगों द्वारा उपयोग में लाई जा रही चीजों का इस्तेमाल करने से आप उनको भी संक्रमित कर सकते हैं।