भारत में ही नहीं दुनियाभर में हैं शिव मंदिर, दर्शन के लिए इन देशों की करें यात्रा

Date: 2024-02-28
news-banner
8 मार्च 2024 को महाशिवरात्रि है। महाशिवरात्रि के मौके पर भक्त महादेव के मंदिरों के दर्शन के लिए जाते हैं और पूजा अर्चना करते हैं। भारत में कई शिव मंदिर, प्राचीन ज्योतिर्लिंग व शिवालय हैं, जहां की महिमा विदेशों तक मशहूर है। शिव भक्त भी सिर्फ भारत तक सीमित नहीं है, विदेशों में भी महादेव के भक्त बसे हैं, जो महाशिवरात्रि के मौके पर भोलेनाथ के दर्शन के लिए मंदिरों की तलाश में रहते हैं।

प्रम्बानन मंदिर इंडोनेशिया
इंडोनेशिया के जावा में प्राचीन शिव मंदिर है, जो प्रम्बानन मंदिर के नाम से मशहूर है। इस मंदिर का निर्माल 10वीं शताब्दी में हुआ था। शहर से 17 किमी दूर स्थित यह शिव मंदिर काफी भव्य और सुंदर है। मंदिर परिसर में मुख्य तीन मंदिर हैं- भगवान ब्रह्म का, भगवान विष्णु का और एक भगवान शिव का। तीनों भगवान ब्रह्मा, विष्णु और महेश की मूर्तियों के मुंह पूर्व दिशा की ओर हैं। मुख्य मंदिर के सामने पश्चिम दिशा में उससे संबंधित मंदिर है। मंदिर भगवान के वाहनों को समर्पित हैं। जैसे भगवान ब्रह्म के सामने हंस, भगवान विष्णु के सामने गरूड़ और भगवान महादेव के सामने नंदी महाराज का मंदिर बना हुआ है। 

प्रम्बानन मंदिर परिसर में कई अन्य मंदिर बने हुए हैं। शिव मंदिर के अंदर चार कमरे हैं, जहां एक में भगवान भोलेनाथ की विशाल मूर्ति है। दूसरे में भगवान शिव के शिष्य अगस्त्य की मूर्ति है, तीसरे में माता पार्वती और चौथे में भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित है। शिव मंदिर के उत्तर में भगवान विष्णु का और दक्षिण में भगवान ब्रह्मा का मंदिर है। 

मुन्नेस्वरम मंदिर, श्रीलंका
भारत के पड़ोसी देश श्रीलंका में मुन्नेस्वरम मंदिर स्थित है, जहां भगवान शिव विराजमान है। मुन्नेस्वरम मंदिर का इतिहास रामायण काल से जुड़ा हुआ है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, रावण का वध करने के बाद भगवान श्रीराम चंद्र जी ने इसी जगह पर भगवान शिव की पूजा की थी। इस मंदिर परिसर में पांच मंदिर हैं, जिनमें से सबसे विशाल मंदिर भगवान महादेव का है। बाद में पुर्तगालियों ने दो बार इस मंदिर पर हमला कर नुकसान पहुंचावे की कोशिश भी की थी। 

कटासराज मंदिर पाकिस्तान
भारत के पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में भी भगवान भोलेनाथ का मंदिर है। यह मंदिर पाकिस्तान से 40 किमी दूर स्थित है। पाकिस्तान में कटस की एक पहाड़ी पर स्थित होने के कारण मंदिर का नाम कटासराज मंदिर के तौर में प्रचलित है। मान्यता है कि पौराणिक काल में भगवान शिव माता सती की अग्नि समाधि से बेहद दुखी थे, तब उनके आंसू दो जगह गिरे, जिससे एक जगह कटासराज सरोवर का निर्माण हुआ औ दूसरा पुष्कर सरोवर अस्तित्व में आया। 

शिव-विष्णु मंदिर, मेलबर्न, ऑस्ट्रेलिया
ऑस्ट्रेलिया के मेलबोर्न शहर में भगवान शिव और भगवान विष्णु को समर्पित एक मंदिर है, जिसका निर्माण लगभग 1987 के आसपास हुआ था। इस मंदिर का उद्घाटन कांचीपुरम और श्रीलंका से आए 10 पुजारियों ने किया था। मंदिर की वास्तुकला हिंदू और ऑस्ट्रेलियाई परंपराओं का अच्छा उदाहरण है। मंदिर परिसर के अंदर भगवान शिव और विष्णु के अलावा अन्य हिंदू देवी-देवताओं की भी पूजा-अर्चना की जाती है।

Leave Your Comments