रूस और यूक्रेन के बीच बढ़ रहा जंग का खतरा

Date: 2022-01-25
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रूस और यूक्रेन के बीच जंग का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। इसे देखते हुए अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन ने 8,500 अमेरिकी सैनिकों को पूर्वी यूरोप में तैनाती के लिए 'हाई अलर्ट' पर रखा है। पेंटागन के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि इन सैनिकों में कॉम्बेट टीम, हेल्थ वर्कर्स, इंटेलिजेंस और सर्विलांस टीम के मेंबर्स शामिल हैं।
                                                                                                                             जॉन किर्बी ने कहा, 'अभी तक इन सैनिकों की तैनाती के लिए न तो कोई आदेश जारी किया गया है और न ही इन्हें कोई मिशन सौंपा गया है। हालांकि, पूर्वी यूरोप में नाटो को मजबूत करने के लिए अमेरिकी सैनिकों को तैनात किया जा सकता है। यूरोप में अतिरिक्त अमेरिकी फोर्सेस की तैनाती नाटो के फैसले पर ही होगी।'

UN ने कहा- पॉलिटिकल डायलॉग से टालें संकट
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने यूक्रेन और रूस में तनाव कम करने के लिए पॉलिटिकल डायलॉग शुरू करने का अनुरोध किया है। संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा, 'संयुक्त राष्ट्र दोनों देशों के बीच जंग की जगह बातचीत से मसलों का हल चाहता है। हम सभी पक्षों से अपील करते हैं कि वे युद्ध के हालात खत्म करने और बॉर्डर को डी-एस्केलेट करने के लिए जल्द कदम उठाएं।'

ब्रिटेन ने यूक्रेन को दीं एंटी टैंक गाइडेड मिसाइलें

                                                                                                                                              रूस के संभावित हमले से मुकाबले के लिए ब्रिटेन ने यूक्रेन को बड़ी संख्या में अत्याधुनिक एंटी टैंक मिसाइलें और एंग्लो-स्वीडिश एंटी टैंक गाइडेड मिसाइलें सौंपी हैं। माना जा रहा है कि रूस की तरफ से यूक्रेन की सीमा पर सबसे पहले टैंकों से हमले की आशंका है। नाटो मिलिट्री एक्सपर्ट्स के मुताबिक, रूस ने यूक्रेन सीमा पर अपने लगभग 8 हजार टैंक तैनात किए हुए हैं। रूस ने यूक्रेन सीमा पर 36 इस्कैन्डर मिसाइल लॉन्चर भी तैनात कर रखे हैं।

अमेरिका कर सकता है सीधी कार्रवाई
रूस और यूक्रेन में जो हालात बने हैं, उनमें अमेरिका ने भी सीधी कार्रवाई का मन बन लिया है। शनिवार को मैरीलैंड में पेंटागन के अफसरों ने बाइडेन के सामने रूस से निपटने के कई विकल्प पेश किए। इनमें से एक यह है कि रूस पर सैन्य दबाव बनाने के लिए उसके करीबी देशों में अमेरिकी सैनिक, फाइटर जेट्स और वॉरशिप तैनात किए जाएं। 1 से 5 हजार अमेरिकी सैनिक इन देशों में किसी भी वक्त भेजे जा सकते हैं

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