भारत में बेंचमार्क शेयर सूचकांक लगातार छठे दिन गिरकर कई महीनों के नए निचले स्तर पर पहुंच गए। बीएसई सेंसेक्स 110.64 अंक या 0.14 प्रतिशत गिरकर 77,580.31 पर बंद हुआ। दिन के कारोबार के दौरान यह 266.14 अंक या 0.34 प्रतिशत गिरकर 77,424.81 पर आ गया था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 26.35 अंक अथवा 0.11 प्रतिशत की गिरावट के साथ 23,532.70 अंक पर बंद हुआ, जिससे इसकी गिरावट का सिलसिला छठे दिन भी जारी रहा।
एययूएल-एनटीपीसी फिसले, रिलायंस व कोटक महिंद्रा बैंक चढ़े
सेंसेक्स के 30 शेयरों वाले शेयरों में हिंदुस्तान यूनिलीवर, एनटीपीसी, नेस्ले, इंडसइंड बैंक, पावर ग्रिड, अडानी पोर्ट्स, टाटा मोटर्स और बजाज फिनसर्व प्रमुख रूप से पिछड़ गए। रिलायंस इंडस्ट्रीज, कोटक महिंद्रा बैंक, टेक महिंद्रा, महिंद्रा एंड महिंद्रा और एचडीएफसी बैंक लाभ में रहे। आज सेक्टोरल इंडेक्स मिले-जुले रुख के साथ कारोबार हुआ। निफ्टी बैंक, ऑटो, मीडिया हरे निशान पर रहे, जबकि एफएमसीजी, फार्मा, पीएसयू बैंक लाल निशान पर रहे। एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बुधवार को 2,502.58 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 6,145.24 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
थोक महंगाई दर चार महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंची
गुरुवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार, खाद्य वस्तुओं, विशेषकर सब्जियों और विनिर्मित वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि के कारण अक्टूबर में थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति चार महीने के उच्चतम स्तर 2.36 प्रतिशत पर पहुंच गई। खुदरा मुद्रास्फीति ने भारतीय रिजर्व बैंक के ऊपरी सहनीय स्तर को पार कर लिया, तथा अक्टूबर में यह 14 महीने के उच्चतम स्तर 6.21 प्रतिशत पर पहुंच गई, जिसका मुख्य कारण खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतें थीं।
एशियाई बाजारों में टोक्यो, शंघाई और हांगकांग में गिरावट
एशियाई बाजारों में टोक्यो, शंघाई और हांगकांग में गिरावट रही, जबकि सियोल में तेजी रही। यूरोपीय बाजारों में तेजी रही। बुधवार को अमेरिकी बाजार मिले-जुले रुख के साथ बंद हुए। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.06 प्रतिशत गिरकर 72.24 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। बुधवार को सेंसेक्स 984.23 अंक या 1.25 प्रतिशत गिरकर 77,690.95 पर बंद हुआ था। लगातार पांचवें दिन गिरावट दर्ज करते हुए निफ्टी 324.40 अंक या 1.36 प्रतिशत गिरकर 23,559.05 पर बंद हुआ था।
जानकार बोले- थोड़े समय के लिए निवेश करने वाले बरतें सतर्कता
कोटक सिक्योरिटीज के वीपी-टेक्निकल रिसर्च अमोल अठावले ने कहा कि थोड़े समय के लिए निवेश करने वालों को सतर्क और बहुत चयनात्मक होना चाहिए क्योंकि निचले स्तरों पर फंसने का जोखिम है। जानकारों के अनुसार, दूसरी तिमाही में कंपनियों की अपेक्षाकृत कमजोरआय, विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली और थोक व खुदरा महंगाई बढ़ने का बाजार पर नकारात्मक असर पड़ा।
महंगाई बढ़ने से बाजार में बना गिरावट का माहौल
इकरा एनालिटिक्स के अनुसार, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की ओर से लगातार बिकवाली के कारण भारतीय इक्विटी बाजारों में गिरावट देखी गई। इसके अलावा, अक्तूबर में घरेलू खुदरा महंगाई दर आरबीआई के ऊपरी सहनीय स्तर (6%) से आगे निकल गया इससे बाजार में कमजोरी का माहौल बना। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये के कमजोर होने से बेंचमार्क सूचकांकों का नुकसान और बढ़ गया। कल यानी शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार श्री गुरु नानक देव प्रकाश पर्व के अवसर पर बंद रहेंगे। शेयर बाजार अब सोमवार को खुलेगा।
बाजार की दिशा क्या होगी? जवाब के लिए करना होगा इंतजार
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कहा, "बाजार में सुधार के दौर में, जैसी वर्तमान स्थिति है, हमेशा काउंटर मूव्स होंगे, यह उछाल को सुविधाजनक बनाएंगे। यह अब कभी भी हो सकता है।" ये प्रवाह कितने समय तक टिक सकते हैं? हम आय वृद्धि और मजबूत जीडीपी संकेतों में कितनी जल्दी वापसी की उम्मीद कर सकते हैं? ये प्रासंगिक प्रश्न हैं जिनके उत्तर के लिए हमें इंतजार करना होगा। विजयकुमार ने कहा, "इस बीच निवेशकों को मजबूत मांग वाले क्षेत्रों में गुणवत्ता वाले शेयरों में बने रहना होगा।"